कर्मचारी संगठनों ने किया वेतन कटौती का विरोध

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राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिये कर्मचारियों के वेतन में कटौती की राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय सैनी ने निंदा की है उन्होंने बताया कि इस कोरोनाकाल व लॉक डाउन की अवधि के दौरान भी पशु चिकित्साकर्मियों ने “कोरोना वॉरियर्स” के रूप में पशु पालकों तथा मूक पशुओं की निरंतर सेवा की है।
हमने अपनी जान जोखिम में डालकर तथा अपने परिवार एवं बच्चों के स्वास्थ्य तथा जीवन का जोखिम उठाकर भी निरंतर ड्यूटी की है उसके पश्चात भी सरकार द्वारा हमारे वेतन से कटौती किया जाना न्यायोचित नहीं है।
अतः हम सरकार के इस निर्णय से सहमत नहीं है ।
अगर सरकार ने यह निर्णय वापस नही लिया तो पुरे राजस्थान के पशु चिकित्सा कर्मी इसका विरोध करेंगे।
साथ ही राजस्थान का शिक्षक वर्ग भी वेतन कटौती के विरोध में आगे आया है ओर शिक्षक संगठनों ने बताया की राज्य सरकार आर्थिक संकट का बहाना लेकर कर्मचारियों के मार्च माह का वेतन स्थगित किए हुए हैं तथा कर्मचारियों के वेतन से प्रति माह एक दिन का वेतन कटौती करने का षड्यंत्र कर रही है,वही दुसरी ओर विधायकों व मंत्रियों को सरकारी खर्च पर विदेश यात्राएं कराने, इनोवा कार खरीदने एंव कोविड-19 के नाम पर चर्चा के बहाने तीन दिवस विधानसभा चलाकर 13 दिवस का भत्ता उठाकर राज्य की जनता व कर्मचारियों पर वित्तिय भार डालने का कुत्सित प्रयास किया गया है।
इस बढी हुए वित्तिय भार को राज्य कर्मचारियों व जनता पर थोपा जा रहा है,जिसे राज्य कर्मचारी किसी भी हालत में बर्दास्त नहीं करेंगे।।

2 सितंबर 2020 को निदेशालय पशुपालन विभाग में NADCP योजना अंतर्गत आगामी FMD टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में बैठक का आयोजन हुआ। जिसमें राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश के साथियों की भावना से विभाग को अवगत करवाया।
बैठक अतिरिक्त निदेशक (स्वास्थ्य) डॉ. भवानी सिंह जी राठौड़ की अध्यक्षता में आयोजित हुई। जिसमें अतिरिक्त निदेशक डॉ. एन.एम. सिंह, अतिरिक्त निदेशक डॉ. आनंद सेजरा,अतिरिक्त निदेशक डॉ. पी. सी. भाटी, जयपुर जिले के संयुक्त निदेशक डॉ. उम्मेद सिंह जी तथा राजस्थान पशु चिकित्सक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया।

बैठक में टीकाकरण के बारे में राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ ने प्रदेश के समस्त साथियों की भावना तथा FMD-CP कार्यक्रमों के पिछले अनुभव के आधार पर अपने सुझावों को पुरजोर तरीके से विभाग के समक्ष रखा ।