कोटपूतली प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार के नाम उपखण्ड अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

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मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने पत्र जारी कर पीईईओ एवं नोडल अधिकारीयों को अपने अधीनस्थ क्षेत्र में संचालित विद्यालयों की कार्यवाही के लिये दिए निर्देश

जागरण प्लस (धर्मवीर कुमावत) कोटपूतली। कस्बे के नगरपालिका पार्क में गुरुवार सुबह 11 बजे कोटपूतली प्राइवेट स्कूल एशोसिएशन की बैठक आयोजित हुई। बैठक में विभिन्न संस्थाओं के संचालकों द्वारा अपने अपने विचार रखने के उपरांत निजी स्कूलों के संचालक पूतली रोड़ स्थित मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे। जँहा पर मौजूद एसीबीओ अनिल कुमार यादव को ज्ञापन सौपकर क्षेत्र में संचालित कुछ विद्यालयों में गुपचुप हो रहे शिक्षण कार्य पर अविलम्ब प्रतिबंध लगाने के लिए कहा गया।जिस पर तुरंत प्रभाव से मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से एक पत्र जारी किया गया जिसके अनुसार कोविड-19 महामारी के मद्देनजर राज्य सरकार और विभागीय गाइडलाइन की पालना में शिक्षण कार्य पर पूर्णतया प्रतिबंध बताया गया। गाइडलाइन की पूर्ण पालना हेतु समस्त पीईईओ एवं नोडल अधिकारी को निर्देशित किया गया कि उनके अधीनस्थ क्षेत्र के विद्यालयों में कक्षा संचालन का कार्य नहीं होना चाहिए। यदि कोई सरकारी, गैर-सरकारी विद्यालय कोविड-19 में सरकार की गाइडलाइन की पालना ना करते हुए कक्षा संचालन करता है तो उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाए।इसके उपरांत स्कूल संचालक उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पहुंचे।जँहा उपखण्ड अधिकारी सुनीता मीणा को मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया।

ज्ञापन में शीघ्र ही शिक्षण संस्थानों में शिक्षण कार्य कराने की स्वीकृति प्रदान करने एवं निजी स्कूलों को राज्य सरकार से आर्थिक सहायता देने की मांग की गई।ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि कोविड-19 की वजह से स्कूल लंबे समय से बंद पड़ी हैं, जिसके कारण निजी स्कूलों के संचालकों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट की स्थिति आ गई है।इस कोरोना काल में कई स्कूल संचालक आत्महत्या भी कर चुके हैं। अगर समय पर सरकार द्वारा उचित आर्थिक पैकेज नहीं दिया जाता है तो निजी स्कूलों के संचालन में एवं कर्मचारियों के भरण पोषण की विषम परिस्थिति आ जाएगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार स्कूलों को 15 अक्टूबर से खोल दिये जाने का निर्णय लिया गया था लेकिन राज्य सरकार की गाइडलाइन में अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। निजी स्कूल संगठन राज्य सरकार से मांग करता है कि निजी स्कूलों के लिए आर्थिक पैकेज मुहैया कराया जाए।कोरोना काल के दौरान निजी स्कूलों के बन्द की अवधि के बिजली बिल माफ किये जाएं। स्कूल वाहन,भवन आदि की ईएमआई को ब्याज मुक्त किया जाए।साथ ही मांग की गई कि निजी स्कूलों के बच्चों को भी सभी सरकारी सुविधाएं दी जाएं जैसे कि नि:शुल्क पुस्तकें, बालिकाओं को साइकिल, लैपटॉप आदि का वितरण हो एवं बोर्ड परीक्षाओं में समान रूप से निजी स्कूलों के शिक्षकों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए।