जब सब खुला है तो लाइब्रेरी बंद क्यों – राजस्थान लाइब्रेरी संघर्ष समिति

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आज राजस्थान लाइब्रेरी संघर्ष समिति की तरफ से लाइब्रेरियो को खोलने हेतू कानूनन अनुमति के लिए मुख्यमंत्री महोदय के नाम का ज्ञापन अतिरिक्त ज़िला कलेक्टर महोदय को दिया

जागरण प्लस न्यूज़, जयपुर। कोरोना काल के चलते यह व्यवसाय बंद रहने की वजह से आर्थिक स्थिति की समस्या से जूझ रहा है। जिसकी वजह से लाइब्रेरी संचालक आर्थिक और मानसिक रूप से निरंतर प्रताड़ित हो रहा है। किराया, लॉन की किस्त और अन्य खर्चों के लिए सरकार की तरफ से कोई सहायता प्राप्त नहीं हुई है।

राजस्थान लाइब्रेरी संघर्ष समिति के तत्वाधान में एक आह्वान पर विभिन्न क्षेत्रों से पधारे सदस्यों में अलग ही उत्साह था। सबसे पहले 10 बजे सभी सदस्य पिंक सिटी लाइब्रेरी पर एकत्रित हुए। वहां पर ज्ञापन की रूपरेखा सभी को बतायी। सभी सदस्यों को राजस्थान लाइब्रेरी संघर्ष समिति के बैनर व स्लोगन के बारे में अवगत कराया। जिससे वह मीडिया के सामने आसानी से अपनी बात पेश कर सकें। उसके बाद सभी दुपहिया वाहनों पर राजस्थान लाइब्रेरी संघर्ष समिति का स्टीकर लगाया, सभी लाइब्रेरी संचालक अनुशासन बनाते हुए वाहन रैली के माध्यम से पिंक सिटी लाइब्रेरी से टोंक फाटक, लाल कोठी, रामबाग सर्किल, स्टेचू सर्किल पर पहुंचे। स्टेचू सर्किल पर सभी लाइब्रेरी संचालकों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।

फिर रैली जीपीओ से एमआई रोड होती हुई कलेक्ट्रेट पहुंची। कलेक्ट्रेट में जिला कलेक्टर की मुख्यमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यस्तता के कारण अतिरिक्त जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री महोदय के नाम ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन देने के पश्चात कलेक्ट्रेट परिसर में बुलाई गई मीडिया के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुचाई। आज इस मुहिम में अनेक लाइब्रेरी संचालकों ने उपस्थिति दर्ज कराई। संघर्ष की इस लड़ाई में संगठन पदाधिकारियों ने अपनी बात मजबूती से रखी।

राजस्थान लाइब्रेरी संघर्ष समिति की मांगे

1. कोरोना गाइडलाइंस के साथ कानूनन लाइब्रेरी खोलने की अनुमति।

2. कोरोना काल के चलते 18 माह से बंद व्यवसाय के उद्धार हेतु सरकारी की तरफ से आर्थिक सहायता।

3. भविष्य में कोरोना की लहर प्रभाव कम होने पर अनलॉक के प्रथम चरण में निजी लिब्रारियो को कोरोना गाइडलाइंस के साथ कानूनी रूप से अनुमति प्रदान करे।