नशे में जकड़ रही युवा पीढ़ी👉🏼

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नशे पर अपनी आसान पहुंच से युवा पीढ़ी अपने आपको गर्त में डाल रही है। पुरे राजस्थान में नशीली दवाओं, डोडा-पोस्त, गांजा व स्मैक,जैसे अनेक जहरीले खतरनाक नशे का प्रचलन युवाओं में दिन प्रतिदिन बढ चला है। नशे को युवा वर्ग एक फैशन की तरह स्तेमाल कर रहा है। राज्य में चिन्हित नशे के आदि30 वर्ष से कम उम्र के युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। यह वे युवा हैं जो कभी यारी-दोस्ती, प्रेम-प्रसंग, रोज़गार आदि में असफलता के कारण नशे की गिरफ्त में आ जाते हैं। और नशे की लत युवाओं को अपराध की दुनिया में प्रवेश करवा रही हैं। जिससे उनका कैरियर शुरू होने से पहले की चौपट हो जाता है। यह आने वाले समय की बहुत ही गंभीर समस्या बनती ही जा रही है। सरकारी व गैर सरकारी नशा मुक्ति केंद्रों में नशेड़ियों के इलाज के लिए दिन प्रतिदिन लाईन बढ़ती जा रही है।

नशे का ग्राफ भी चौंकाने वाला है👉🏼
1. नशें के आदि युवा वर्ग जो 20 से 30 साल के हैं, वो ‌सबसे ज्यादा हो रहे हैं। और नशे में कप्सुल, दर्द निवारक गोलियां, इंजेक्शन अफीम आदि का प्रयोग प्रमुखता से बढ़ा है।
2. बिना नशे के युवा खुद को बेचैन महसूस करता है। नशे को अपने जीवन में अनिवार्य समझकर नशे के लिए धन की व्यवस्था चोरी लुटपात आदि गलत काम करने लगता है और एक अपराधी जैसा जीवन जीने को मजबूर हो जाता है। ये नशा ही है जो अलग अलग प्रकार के अपराधों को जन्म देता हैं। सरकार को इस समस्या के बारे में गहनता से सोचना चाहिए। और कड़े से कड़े क़ानून बनाने चाहिए।