लाओस बना दूसरा श्रीलंका ! अब लाओस फंसा चीन के कर्ज जाल में

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दुनिया भर में कोरोनावायरस फैलाने वाला चाइना अब कोरोनावायरस से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए उसने अपने पड़ोसी देशों की सीमाओं पर घुसपैठ करना शुरू कर दिया है ताकि दुनिया का ध्यान दूसरी तरफ भटकाया जा सके। पिछले काफी समय से चीन ने अपनी बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव को आगे बढ़ाने के लिए दुनिया को कर्ज बांटना शुरू कर दिया। पिछले कुछ वर्षों में चीन ने दुनिया के छोटे देशों को कर्ज के जाल में फंसा ना शुरू कर दिया और जो देश कर्ज ना चुका पाने असमर्थ हो चीनी गवर्नमेंट एजेंसीज वहां पर कब्जा कर लेती हैं। हाल ही में इसका ताजा उदाहरण श्रीलंका का हंबनटोटा पोर्ट है जिसको श्रीलंका की सरकार ने चीनी सरकारी कंपनी को 99 साल की लीज पर दे दिया है। यह कदम दुनिया में चीन की बढ़ती साम्राज्यवादी नीतियों को दर्शाता है। हाल ही में चीन की सरकारी कंपनी ने लाओस की इलेक्ट्रिक ग्रिड पर बहुमत कंट्रोल पा लिया है, यह कदम बीजिंग की डेप्ट ट्रैप्ड पॉलिसी को दर्शाता है।

लाओस एक साउथ ईस्ट एशियन कंट्री होने के साथ आसियान देशों का सदस्य हैं। लाओस की कुल जनसंख्या 70 लाख के तकरीबन है और टोटल जीडीपी 20 बिलियन डॉलर के बराबर है। इसमें से 45% चीनी कर्जा है। अभी लाओस की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है उसके पास चीन के कर्ज का ब्याज देने जितना भी रिजर्व नहीं है।

रोहित शर्मा, कोटपुतली।