भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत

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कोरोना के चलते चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी की ग्रोथ रेट में 23.9% की गिरावट आई है| जीडीपी में कुल आठ सेक्टर में से एकमात्र कृषि सेक्टर की ग्रोथ रेट 3.4% रही माइनिंग सेक्टर में 23.9 जबकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 39.3% की गिरावट देखी गई | लोक डाउन के बाद जीडीपी को पहली बार जारी किया गया अप्रैल से जून के बीच पूरी तरह देश में लॉकडाउन था जिसे आर्थिक गतिविधियां भी ठप पड़ गई | हालांकि अब देश में अनलॉक है आर्थिक गतिविधियां शर्तों के साथ शुरू की गई हैं ऐसे में आने वाली तिमाही में जीडीपी में सुधार की उम्मीद है कनफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री यानी सीआईआई और इंडियन बैंक एसोसिएशन आईबीए ने बुधवार को जारी की अपनी सर्वे रिपोर्ट में यह बात कही है| आईबीए के चीफ एग्जीक्यूटिव सुनील मेहता ने कहा कि पिछली तिमाही में आशावादी इंडेक्स रेटिंग 44.2 थी जो कि इस तिमाही में 65.2 पर है | भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत देना शुरू कर दिया है जिसमें जीएसटी कलेक्शन पेट्रोल खपत और पावर डिमांड इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन में रिकवरी के संकेत दिए | इस सर्वे जुलाई 2020 में किया गया है जिसमें 7 पब्लिक सेक्टर बैंक 5 फॉरेन बैंक और एक कॉर्पोरेट बैंक सहित 19 संस्थाएं शामिल थी | अगस्त के दौरान भी देश में सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में जुलाई के मुकाबले काफी सुधार देखने को मिला | आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि देश की जो जीडीपी है वह अभी एक्सीडेंट मोड में है जिसे सरकार को रिकवरी के लिए बूस्ट पैकेज देना होगा ।